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वोह गिलास जिसमे हज़ारों बोतलें उड़ेल दी आज भी प्यासा

वोह गिलास जिसमे हज़ारों बोतलें उड़ेल दी
आज भी प्यासा है ,
ये फ़ोन जिसपर उंगलियां जबभी घूमी तो तेरा नंबर थिरकता है
उससे आज भी दिल-आसा है।

न जाने “धम्म से” कब कोई आस मेरे दरवाजे आ गिरे,
‘तौबा’ आज पीनी नहीं है तो देख
आज बरसेगी शराब
दिल कुछ रुंआसा है।

तस्वीर बोलती है, तस्वीर खींच दी है,
बात कुछ शायद बन जाए
मैने खुद को आज फिर से तराशा है।

पर उसने आज भी
वोह गिलास अल्मारी में सजा रक्खा है,
वोह ‘तौबा से’ आज भी टूटा नहीं है,

खाब वो पूरा है चाहे ज़रा सा है।

 #NojotoQuote
वोह गिलास जिसमे हज़ारों बोतलें उड़ेल दी
आज भी प्यासा है ,
ये फ़ोन जिसपर उंगलियां जबभी घूमी तो तेरा नंबर थिरकता है
उससे आज भी दिल-आसा है।

न जाने “धम्म से” कब कोई आस मेरे दरवाजे आ गिरे,
‘तौबा’ आज पीनी नहीं है तो देख
आज बरसेगी शराब
दिल कुछ रुंआसा है।

तस्वीर बोलती है, तस्वीर खींच दी है,
बात कुछ शायद बन जाए
मैने खुद को आज फिर से तराशा है।

पर उसने आज भी
वोह गिलास अल्मारी में सजा रक्खा है,
वोह ‘तौबा से’ आज भी टूटा नहीं है,

खाब वो पूरा है चाहे ज़रा सा है।

 #NojotoQuote