ज्यों ज्यों दिन ढलता जाये तुझसे मिलने की बेचैनी बढ़ती जाये और एक तू है कि बरसात के चाँद सूरज की तरह न जाने किन बदलियों के आगोश में छुप गया है 🌧 #nojoto #writersofnojoto #writersworld #hindi #hindiwriters #kavishala #writersofindia #writerscommunity