Nojoto: Largest Storytelling Platform

छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल म

छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे,

ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे,

दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है,

जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,

मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो,

अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे,

इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा,

फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे.

©BROKENBOY #mountainsnearme छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे,

ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे,

दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है,

जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,
छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे,

ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे,

दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है,

जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,

मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो,

अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे,

इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा,

फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे.

©BROKENBOY #mountainsnearme छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे,

ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे,

दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है,

जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,
brokenboy6934

BROKENBOY

Silver Star
New Creator

#mountainsnearme छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे, दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है, जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे,