#OpenPoetry हमनें जाना न ये क्या ख़ता थी मेरी, मेरी दुश्मन बनी थी वफ़ा ये मेरी, कुछ न पूछो मेरे बहते अश्कों से तुम, खुद की खुशियों से की ये ज़फा थी मेरी #nojoto #nojotopoetry #nojotoshayari #wafa #bewafai #zafa #muhabbat #dard