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meenakshiraje5590
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Meenakshi Raje

Storyteller|| Inquisitive ||

https://youtube.com/@meenakshiraje7075

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Meenakshi Raje

#PacifyingWords #RASHMIRATHI #audio #Poetry
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Meenakshi Raje

जो सहजता से करो स्वीकार सारे भाव अपने, 
तो कहो कैसे उठेगी कोई अंतः वेदना फिर!
हो गया जो मन तुम्हारा हर विकारों से परे तो
आ ही जायेगा तुम्हें चक्रव्यूहों को भेदना फिर!

तुम अकेले ही नहीं जिसके हज़ारों स्वप्न टूटे,
तुम अकेले ही नहीं जिसके भँवर में नाव छूटे!
तुम अकेले ही नहीं जिसको नियति ने डुबोया,
तुम अकेले ही नहीं जो खोते-खोते कुछ न पाया!

जो तुम्हारी कल्पना है साकार तुम ही कर सकोगे,
हो अगर मजधार में तो पार तुम ही कर सकोगे!
कोई तुमको थाम लेगा व्यर्थ ऐसा सोंचते हो,
मूढ़ हो जो बेवजह एक दूसरे को कोसते हो!

रिक्त मन में तुम सृजन का बीज तो उपजा के देखो,
प्रेम की सरिता में कोई गीत तो तुम गा के देखो!
हो उठेगी देखना जीवित नई संवेदना फिर,
आ ही जायेगा तुम्हें  चक्रव्यूहों को भेदना फिर!!

©Meenakshi Raje
  #Trees
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Meenakshi Raje

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो 

नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है 

-जाँ निसार अख़्तर

©Meenakshi Raje
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Meenakshi Raje

चिठ्ठियाँ एक यात्रा तय करती हैं।

©Meenakshi Raje
  #mybook
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Meenakshi Raje

मुहब्बत में जो बगैर लाभ-हानि के जुड़े होते हैं न 
उनके दिल में एक छोटे बच्चे की तरबियत हो रही होती है।
वह मासूम अहसास बस ख्वाब सजाता है, लड़ता-झगड़ता है,
 रूठता-मनाता है पर,
उसे तोड़ जाने का ख़्याल भी लाना मुनासिब नहीं समझता।
वक़्त की रौ में बेसाख़्ता बस बहता चला जाता है।
उसे ख़्याल नहीं होता सही-गलत का।
उसे तो बस किसी कीमत पर,
थोड़ी सी भी उलझी डोर को सुलझाना होता है।
सब सही करना होता है।
उसे जब तोड़ दिया जाता है,
 तो वो चीखता है चिल्लाता है।
पर सिवा टूटने के क्या हाथ आएगा उसके।
कभी तोहमत तो कभी नसीहत।
बेशक वो आगे बढ़ जाएगा।
अपने लिए कोई न कोई मकाम तो ढूँढ लेगा।
खुश रहने की हज़ार वजह तलाश लेगा।
खूब परिपक्व हो जाएगा।
पर अपने अंदर पल रहे बच्चे का गला घोंट देगा।
उन्हें तो फिर भी कोई अफसोस न होगा।
सौदागर कभी सौदा बुरा नहीं करते।

©Meenakshi Raje
  #flowers
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Meenakshi Raje

तमाम बातों के साथ एक महत्वपूर्ण चुनौती, अपने अस्तित्व की है, जिसमें प्रथम हमारा 'नाम' होता है।बड़े आश्चर्य की बात है कि तमाम क्रांतियों के बीच इस 'नाम' को बचाए रखने की बात हम भूल चुके हैं।यह सब आँखों देखा हाल साझा कर रही हूँ।स्त्रियों के कई सारे उपनाम दिए जाते हैं, उन्हें पुकारने के लिए।इसी बीच उनका अपना नाम खो जाता है और समय के साथ उनकी असली पहचान हम भूल जाते हैं।अक्सर उनके नैहर के नाम से पुकारा जाता है, या तो उपनामों से, या तो पति, बेटे या फलाने खानदान की बहू के नाम से।
गाँवों में देखे अगर तो  -मगह की है तो मघानो, भोजपुर की हैं तो- भोजपुरन, देवकुड़ की हुई तो देवकुड़िया और न जाने कितने सारे।
वहीं शहरों में हम विकसित तो हुए हैं लेकिन 'नामों' का बच पाना वहाँ भी मुश्किल होता दिखाई पड़ता है।आज भी कई लोग Mrs....... के नाम से ही जानी जाती हैं।
सब कुछ बचाने से पहले न इस नाम को बचाना ज़रूरी है।'नाम' जो जन्म से ही हमारा अस्तित्व है।पुकारिए न उन्हें जिस नाम से पुकारना है।पर यह भी देखिए कि कहीं उनकी असली पहचान न खो जाए।लोग उनका नाम ही न भूल जाएँ।

#bethechange

©Meenakshi Raje
  #roshni
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Meenakshi Raje

सहज बोध की स्वीकार्यता ही आगे की चोट से बचने का एकमात्र रास्ता है ।

संवेदनायें अपेक्षारहित रहें तो ही बेहतर।❤️❤️

©Meenakshi Raje #sadquote
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Meenakshi Raje

सहज बोध की स्वीकार्यता ही आगे की चोट से बचने का एकमात्र रास्ता है ।

संवेदनायें अपेक्षारहित रहें तो ही बेहतर।❤️❤️

©Meenakshi Raje #sadquote
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Meenakshi Raje

जब अलमारी के ,
पिछले वाले खाने से,
मिलती है एक पसंदीदा किताब,
जो जाने कब से खो गयी थी,
तो अच्छा लगता है ,
उसका यूँ मिल जाना,
तो अच्छा लगता है उसपर से हटाना,
धूल की असंख्य परत,
याद करते हुए जब पहली बार,
उसके आते ही चहक उठा था मन,
जब उसके पन्नों में खोये हुये,
ठंडी हो जाती थी मेरी चाय,!!

©Meenakshi Raje
  #flowers
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Meenakshi Raje

दिन के प्रथम प्रहर में आ,
जब टेर लगाई कोयल ने!
अंबर, अवनी सब जाग गये,
जब गीत सुनाई कोयल ने!
अलौकिक मृदु स्वर ने जब,
प्रकृति से ऐसे संवाद किया!
जड़- चेतन सब मुग्ध हुये,
जब कूक लगाई कोयल ने!!

©Meenakshi Raje
  #Nature
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