Nojoto: Largest Storytelling Platform

रूमाल ले लिया है किसी माह-जबीन से कब तक पसीना पोंछ

रूमाल ले लिया है किसी माह-जबीन से
कब तक पसीना पोंछते हम आस्तीन से

ये आँसुओं के दाग़ हैं, आँसू ही धोएँगे
ये दाग़ धुल न पाएँगे वाशिंग मशीन से

©Mehfil-e-Mohabbat
  ✍️❤️ वसीम नादिर ❤️✍️

✍️❤️ वसीम नादिर ❤️✍️ #शायरी

89 Views