निश्चल प्रेम का पुष्प, अब दिल के चमन में खिलते नहीं, रुहानी इश्क़ करने वाले, मक्कारी दुनिया में मिलते नहीं। वस्ल की चाहत संजोने वाले, सिर्फ जिस्म से प्यार करते, सात जन्मों का वादा कर, दो कदम भी संग चलते नहीं। कृपया पिन पोस्ट जरूर पढ़े कृपया अपने 5 मित्रों को मेंशन करें कमेन्ट बॉक्स में कॉलब करने के बाद ऑप्शन बंद कर दे विधा:- शायरी मुक्तक 4 पंक्तियों में रचना लिखे हैशटैग #apki_lekhani #apk_lekhani बरकरार रखे समय सीमा आज रात 10 बजे तक मात्र त्रुटियों का ध्यान रखे