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चौखट घर की छोटी हो जाती, बेटी,जिस दिन बड़ी हो जाती

चौखट घर की छोटी हो जाती,
बेटी,जिस दिन बड़ी हो जाती है।
नये रिश्तों को जोड़ने में,
नाल के धागे टूट जाते हैं,
मेंहदी के साथ-साथ,
मायके के रंग छूट जाते हैं।
बेटी की नयी जिम्मेदारियों में,
प्राथमिकताएँ बँट जाती हैं,
जन्म देने वाली माँ भी,
अपनों की सूची से,छँट जाती है।
 चौखट घर की छोटी हो जाती,
बेटी जिस दिन बड़ी हो जाती है।
नये रिश्तों को जोड़ने में,
नाल के धागे टूट जाते हैं,
मेंहदी के साथ-साथ,
मायके के रंग छूट जाते हैं।
बेटी की नयी जिम्मेदारियों में,
प्राथमिकताएँ बँट जाती हैं,
चौखट घर की छोटी हो जाती,
बेटी,जिस दिन बड़ी हो जाती है।
नये रिश्तों को जोड़ने में,
नाल के धागे टूट जाते हैं,
मेंहदी के साथ-साथ,
मायके के रंग छूट जाते हैं।
बेटी की नयी जिम्मेदारियों में,
प्राथमिकताएँ बँट जाती हैं,
जन्म देने वाली माँ भी,
अपनों की सूची से,छँट जाती है।
 चौखट घर की छोटी हो जाती,
बेटी जिस दिन बड़ी हो जाती है।
नये रिश्तों को जोड़ने में,
नाल के धागे टूट जाते हैं,
मेंहदी के साथ-साथ,
मायके के रंग छूट जाते हैं।
बेटी की नयी जिम्मेदारियों में,
प्राथमिकताएँ बँट जाती हैं,