ज़रूरी तो नहीं हर वक़्त कोई साथ दे चाहिए भी नहीं.. भरोसा मुझे ख़ुद पर अपने नियत लक्ष्य तक पहुँचने का.... ज़रूरी तो नहीं कि - किसी को प्रीत हो मेरे लक्ष्य से.. ख़ुद से प्यार होगा तभी तो पाऊँगी अपनी मंज़िल! पंख नहीं मेरे... पर रखती हूँ , हौसला उड़ान भरने का... दृष्टि मेरी अर्जुन की.. केंद्रित सदा चिड़िया की आँख पर.. साध लूँगी अपना निशाना, लाँघ लूँगी दुर्गम पहाड़, तैर लूँगी उफनती नदियां.. मैं सपनों की चितेरी! भर लूँगी रंग , अपनी ज़िन्दगी के कैनवास पर.. अपनी पसंद के! एक दिन ज़रूर... ज़रूरी नहीं कि - हर बार कोई कंधा हो मेरे पास !! ©पूर्वार्थ #जरूरी_तो_नहीं #नोजोटोहिंदी #आत्मविश्वास_एक_नज़रिया