जहां में काम से ही आदमी पहचान रखता है नाम तो नाम को ही बस यहां इंसान रखता है। जुनूँ और हौंसला यारो भरा हो जिसके सीने में वही बनता सिकंदर है जो मन में ठान रखता है। दिलों में हैं बदी करतूत और नीयत भी काली है बदन पर चाम उजले खोटा वो ईमान रखता है। अजब है भीड़ सड़कों पर यहां चलना भी मुश्किल है कि ट्रेफिक जाम मीलों तक भला इंसान रखता है। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #जुनूँ