आसमान मे विशाल हाथियों की शक्लमें मेघ आते हैँ गरज बरस कर तपती धरती की प्यास बुझाते हैँ. वायुमंडल की परतें कई हैँ और उन परतों मे बनने वाले मेघ भी कई प्रकार क़े होते हैँ सभी बरसते नहीं कुछ कड़कते है कुछ गरजते हैँ और कुछ ही बरसते हैँ और उस बरसात मे केवल पौधो. पर ही फूल नहीं खिलते बल्कि इंसान क़े मन मे भी मुहब्बत क़े फूल खिलने लगते हैँ ©Parasram Arora मेघा रे मेघा.....