मैं चाय की चुस्की लेते हुए सोच रहा था कि क्यों इस कदर मोहब्बत है तुमसे तुम्हारे बिना तो एक पल भी गुजारा नही होता चाय ने मुंह ही जला दिया, वो भी जलती है तुमसे उसने कहा मैं भी तो इश्क थी तेरा, तूने कहा था फिर मोहब्बत उनसे कैसे, सुना है इश्क दुबारा नही होता चाय सी इश्क