मौसम इश्क़ का आशिक़ी के लिए है,फरेब से अश्क भी नहीं आता। लोग क्या जाने टूटने का मतलब,हमेशा तलब ही आस बढ़ाता जाता।। ♥️ Challenge-480 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।