*स्त्री हूं मैं*, उत्सव मेरा चाव है, उत्सव में ही भाव है। *स्त्री क्षमता है*, कल तक कमर में पल्लू बांध, घर को सफाई, धूल धूसरित चेहरा ,बाल । व्यंजन, मिष्ठानों की खुशबू, मिठास घोल देती, घर में व जिव्हा में । *स्त्री प्रतिभा है* आज उबटन से, प्राकृतिक रूप रंग, अपने सौंदर्य को निखारना आता है । 🎊🌹🌞*#रूपचौदस की सबको बहुत 🌞बहुत बधाई*🌹 🎊🎊🎊🎊🎊🎊 *स्त्री ऊर्जा स्रोत है* फिर से सोलह श्रृंगार से सज पूरे घर को उत्सवी,उत्साहित करती तैयार है। *स्त्री है तो दीपावली है*।।। असंभव है विश्लेषण। #शुभ_दीपावली वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal #Dhanteras