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जिस्म की खुशबू हर रोज़ जब ये रात गहराती है, जिस्म

जिस्म की खुशबू 

हर रोज़ जब ये रात गहराती है,
जिस्म की खुशबू तेरी मुझमें समाती है,
मैं करवटें लेता तेरे बदन की चुन्नटों में,
तू सिमट जाती मेरे सपनों की सिलवटों में,
अंग दर अंग तेरे, रँग मैं खुद का भरता जाता हूँ,
ख़्वाब दर ख़्वाब मेरे, साथ तेरे मैं खुद को पाता हूँ,
मैं रमता जोगी, घूम-फिर हर रात तुझ तक लौट आता हूँ,
इक दुनिया मेरी, वहाँ खुशबू तेरी, मैं उसमें हर रात समाता हूँ| #जिस्मकीखुशबू #ख़्वाब #सपने #erotica #vineetvicky #julydiaries
जिस्म की खुशबू 

हर रोज़ जब ये रात गहराती है,
जिस्म की खुशबू तेरी मुझमें समाती है,
मैं करवटें लेता तेरे बदन की चुन्नटों में,
तू सिमट जाती मेरे सपनों की सिलवटों में,
अंग दर अंग तेरे, रँग मैं खुद का भरता जाता हूँ,
ख़्वाब दर ख़्वाब मेरे, साथ तेरे मैं खुद को पाता हूँ,
मैं रमता जोगी, घूम-फिर हर रात तुझ तक लौट आता हूँ,
इक दुनिया मेरी, वहाँ खुशबू तेरी, मैं उसमें हर रात समाता हूँ| #जिस्मकीखुशबू #ख़्वाब #सपने #erotica #vineetvicky #julydiaries