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प्रेम राधा,या रुक्मिणी,या फिर क्या वो मीरा है, नयन

प्रेम राधा,या रुक्मिणी,या फिर क्या वो मीरा है,
नयन में हो तो सुख मिले,ओझल हो तो पीड़ा है,
वो एक उंगली में चक्रधर तो,दोनों हाथो में बंशीवाला है,
मां यशोदा के आखों का तारा,तो गांव के लिए नंदलाला है,
इस दुनिया का सबसे प्यारा,गौ मैया का ग्वाला है,
64 कलाओं का स्वामी,हर रंग रूप में प्यारा है,
हे नंदकिशोर हे माखन चोर,हर नाम बड़ा ही निराला है,
कभी रचाए रास कहीं तो,कभी करे वो संहार 
दुनिया में पाप का फिर से बढ़ रहा हाहाकार,
लूट रहे अस्मिता को करके पाप,और भ्रष्टाचार,
हे माधव फिर से कृपा करो और नाश करो इन पापो का,
तुमसे फिर से आस बढ़ी है,लेलो आज फिर एक अवतार।।

©Devraj singh rathore #Krishna  #janmashtami #devrajsinghrathore #devvani #devrajkidevvani #India #bharat #janmastmi2023 #lordkrishna
प्रेम राधा,या रुक्मिणी,या फिर क्या वो मीरा है,
नयन में हो तो सुख मिले,ओझल हो तो पीड़ा है,
वो एक उंगली में चक्रधर तो,दोनों हाथो में बंशीवाला है,
मां यशोदा के आखों का तारा,तो गांव के लिए नंदलाला है,
इस दुनिया का सबसे प्यारा,गौ मैया का ग्वाला है,
64 कलाओं का स्वामी,हर रंग रूप में प्यारा है,
हे नंदकिशोर हे माखन चोर,हर नाम बड़ा ही निराला है,
कभी रचाए रास कहीं तो,कभी करे वो संहार 
दुनिया में पाप का फिर से बढ़ रहा हाहाकार,
लूट रहे अस्मिता को करके पाप,और भ्रष्टाचार,
हे माधव फिर से कृपा करो और नाश करो इन पापो का,
तुमसे फिर से आस बढ़ी है,लेलो आज फिर एक अवतार।।

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