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रूह बन जाते हैं यों कुछ खास लोग, फिर कहाँ सफ़र

रूह बन  जाते हैं  यों  कुछ  खास लोग,
फिर कहाँ सफ़र  अधूरा वो रख पाते हैं,
दूर हो कर भी  हमेशा एहसास रहता है,
रूहानियत ही  वो अपनी  छोड़ जाते हैं।

तड़पा  तो   बस   जिस्म   ही  करते  हैं,
रूह  तो  दूर  से  ही  तृप्त  हो  जाती है,
जहाँ बस  रूह  ही  रूह में मिल गई हो,
जिस्म की ज़रूरत ही कहाँ रह जाती है।

रूह की  रवानगी  में  सुकून  कितना है,
समन्दर में डूबने  वाले  ही जान पाते हैं,
गहराई जाने  बिना  ही जो लौट आते हैं,
सुकून के मायने  ही  कहाँ  जान पाते हैं।

मर  कर  के  भी  नहीं  मरती रूहानियत,
जिस्मानियत तो बस नाम की ही होती है,
जिस्मों की  बात  करने  वाले  क्या जाने,
किआखिर रूहानियत चीज़ क्या होती है। #तृप्त 
#रवानगी 
#जिस्मानियत 
#रूहानियत 
#yqdidi 
#yqhindi 
#yqquotes 
#bestyqhindiquotes
रूह बन  जाते हैं  यों  कुछ  खास लोग,
फिर कहाँ सफ़र  अधूरा वो रख पाते हैं,
दूर हो कर भी  हमेशा एहसास रहता है,
रूहानियत ही  वो अपनी  छोड़ जाते हैं।

तड़पा  तो   बस   जिस्म   ही  करते  हैं,
रूह  तो  दूर  से  ही  तृप्त  हो  जाती है,
जहाँ बस  रूह  ही  रूह में मिल गई हो,
जिस्म की ज़रूरत ही कहाँ रह जाती है।

रूह की  रवानगी  में  सुकून  कितना है,
समन्दर में डूबने  वाले  ही जान पाते हैं,
गहराई जाने  बिना  ही जो लौट आते हैं,
सुकून के मायने  ही  कहाँ  जान पाते हैं।

मर  कर  के  भी  नहीं  मरती रूहानियत,
जिस्मानियत तो बस नाम की ही होती है,
जिस्मों की  बात  करने  वाले  क्या जाने,
किआखिर रूहानियत चीज़ क्या होती है। #तृप्त 
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#जिस्मानियत 
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Juhi Grover

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