तू सर्दी में धूप सा एहसास गुनगुना मैं गर्मी में सुकून देती शीतलहर सा राह एक एक ही मंज़िल दोनों की मैं तेरी सरजमीं तू मेरा हमसफ़र सा कभी खोने ना पाए यह विश्वास उम्मीदों का मैं तेरा समतल रास्ता तू मेरा राहगुज़र सा! एक कविता गुनगुने एहसास के लिए Thank you priyanka gahalaut for this wonderful thought. This is for you. #kumaarsthought #yqdidi #yqhindi #yqhindishayari #kumaarpoem #धूप