किसी जगह गिरे मिले महरूम एहसास मेरे जो एक वक्त तक थे अल्फ़ाज़ तेरे शिकायतें और करूं क्या ज़माने से जब अपनों को ही मज़ा आने लगे रिश्तों को आजमाने से। - @ni! #rishte #pyar #mohabbat