Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser5665937157
  • 118Stories
  • 98Followers
  • 758Love
    240Views

kavianilthakre

Writer | सदस्य : अखिल भारतीय साहित्य परिषद| शोध | रस : प्रेम,विद्रोह | हिन्दी ग़ज़ल, कटाक्ष,कविता | संपादक : @kulluism

https://instagram.com/kavianilthakre

  • Popular
  • Latest
  • Video
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

ईश्वर न्याय और 
अदब की अदालत में

भूख लाचारी और 
जहनी जहालत में

मोहब्बत का वसंत
जब चल ही रहा था 
 
कुछ लोग खड़े थे
युद्ध की वकालत में।

©kavianilthakre #RailTrack
#poetry
#poem
#कविता
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

ईश्वर न्याय और 
अदब की अदालत में

भूख लाचारी और 
जहनी जहालत में

मोहब्बत का वसंत
जब चल ही रहा था 
 
कुछ लोग खड़े थे
युद्ध की वकालत में।

©kavianilthakre
  ईश्वर न्याय और 
अदब की अदालत में

भूख लाचारी और 
जहनी जहालत में

ईश्वर न्याय और अदब की अदालत में भूख लाचारी और जहनी जहालत में #Shayari

8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

कितनी ही पीड़ाएं 
जिनके लिए कोई ध्वनि नहीं #love
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

नम आंखें हैं पर नमी नहीं है
यहां टूटे हुए दिलों की कमी नहीं है

चाहत बस इतनी सी है कि हाल पूछा जाए
 वरना एक वक्त से हम-हम ही नहीं हैं।

             - @ni!
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

बुनी जो चादर मोहब्बत की तो
धागे उम्मीदों के तोड़ गया

बिक गई आधी अधूरी भी पर
अपना कोई छोड़ गया 

        - @ni!

8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

बुनी जो चादर मोहब्बत की तो
धागे उम्मीदों के तोड़ गया

बिक गई आधी अधूरी भी पर
अपना कोई छोड़ गया। 

        - @ni!

8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

अधूरे इश्क़ में सूकुं कहां
फ़िर मिलेंगे वादा रहा। 

       - @ni!
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

जला दो शमा यूं बेवक्त सही
मुझे तो हर शाम अंधेरी लगती है

करके रुसवा तुम्हें मैं भूल ना पाई
इसमें भी साज़िश तेरी लगती है। 

         - @ni!
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

मोहब्बत की जमीं पर कोई गैर कब्जा कर गया
बाड़ रूपी मांग में सिंदूर परवाना चढ़ गया

जंग हुई तो गंवा दिए हाथ पांव हमनें
क़लम का लिए,सहारा आगे बढ़ गया। 

        - @ni!
8f8ce73588fdaa762b5818caef9f4c77

kavianilthakre

क्यों इतना पास आए आख़िर
ज़ख्मों को कुरेद तुम मेरे हो लेते

बहुत गहरे जुड़ी हुई थी तुमसे 
गर जाना ही था वजह तो बता देते।  

         - @ni!
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile