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एक बार पूछ तो लेते, बापू! ये क्या कर रहे हो? मैं स

एक बार पूछ तो लेते,
बापू! ये क्या कर रहे हो?
मैं समझा देता,
कि, माँ-बाप बहुत से काम 
बच्चों की भलाई के लिए
करते हैं चुपचाप।
बच्चे अकसर,लोगों के भड़कावे में आकर
कर ही देते हैं गलतियाँ।
नाथू! मेरे बेटे
तुमने मेरी सूरत ही देखी।
मेरे पैरों के छाले,चश्मे की दूरदर्शिता,
और बदन की खरोंचे 
तुम्हें दिख जाती
तो रोकर मेरा साथ देते तुम भी।
                                                "मनी नमन" महात्मा गांधी की हत्या
एक बार पूछ तो लेते,
बापू! ये क्या कर रहे हो?
मैं समझा देता,
कि, माँ-बाप बहुत से काम 
बच्चों की भलाई के लिए
करते हैं चुपचाप।
बच्चे अकसर,लोगों के भड़कावे में आकर
कर ही देते हैं गलतियाँ।
नाथू! मेरे बेटे
तुमने मेरी सूरत ही देखी।
मेरे पैरों के छाले,चश्मे की दूरदर्शिता,
और बदन की खरोंचे 
तुम्हें दिख जाती
तो रोकर मेरा साथ देते तुम भी।
                                                "मनी नमन" महात्मा गांधी की हत्या
maninaman0391

mani naman

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