छू कर जिस्म को उसके, वो अपना दिल बहलाता है। नोच कर जिस्म को उसके, वो मर्दानगी दिखाता है। कुछ इस क़दर उसके प्यार का, वो फायदा उठाता है। कांप जाती है सोचकर रूह मेरी, जब वो उसके जिस्म को सहलाता होगा। एक दिन में ही वो उसकी, इज्जत से खेल जाता होगा। छू कर उसके बदन को, वो इस कदर इठलाता होगा। दबोच कर आगोश में उसे अपने, अपना प्यार जताता होगा। पल दो पल का हमसफ़र बनके, ज़िन्दगी भर की कालिख दे जायेगा। कर के सौदा प्यार का उसके, वो सौदागर बन जाता होगा। यूं तो बेइंतहा प्यार है उसके लिए मेरे दिल में भी, लेकिन मेरे चेहरे को देखकर शायद उसने मुझे ठीकरा दिया होगा। सच्चा प्यार समझाने में इन्सान गुजर जाता है, और लोगो को सिर्फ जिस्म वाला प्यार पसन्द आता है। ©Shirsh Deep Sharma छू कर जिस्म को उसके #feelings