Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुमको तुमसे मांगते इतना भी क्यूँ झुकते आँख पत्थर

तुमको तुमसे मांगते इतना भी क्यूँ झुकते 
आँख पत्थर हो चुकी थी राह को तकते 
माना तुम बिन थे अधूरे और हृदय घायल 
पर प्रिये तुम ही बताओ कब तलक रुकते
प्रीती एच प्रसाद 💫

©काव्यामृत कोष
  #kavita #muktak