शहर बेजुबां इस शह्र की मैं ही ज़ुबां हो जाऊंगी, चल पड़ी तन्हा भी गर तो कारवां हो जाऊंगी. अल्पना सुहासिनी एक शेर ...अल्पना सुहासिनी