तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु तुम्हारा मैं पन हैं तुम्हारा सबसे बड़ा मित्र तुम्हारा स्व पन हैं। तुम्हारा सबसे श्रेष्ठ गुरू तुम्हारे जीवन की परिस्थितियां हैं। तुम्हारा व्यक्तित्व ही तुम्हारी समस्त सृष्टि है। तुम्हारी ऊर्जा का समस्त तेज ही तुम्हारा प्रकाश है। #vivek_ki_anubhuti