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ज़िम्मेदारियों के बोझ से अभी ख्वाहिशें थमीं हैं मैं

ज़िम्मेदारियों के बोझ से अभी ख्वाहिशें थमीं हैं मैंने उन्हें दफ़्न कर उनपे फ़ातिहा तो नहीं पढ़ा।।

©Talat Arooz
  #जिम्मेदारियों