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बहुत ख्वाइशे दबी रह जाती है बहुत गुज़ारिश ठुकरा दी

बहुत ख्वाइशे दबी रह जाती है
बहुत गुज़ारिश ठुकरा दी जाती है।
दिल में चोर है सभी के
जो निगाहे बयां कर जाती है।
कहते हम बहुत कुछ है
करते वक्त कदम खींच जाते है।
जो छू ले ऊंचाई को 
तो दूर के रिश्ते निकल आते है।
जो औंधे मुंह गिरे तो 
अपने भी पराए हो जाते है।
जब जरूरत पड़े कंधे की
तो तमाचा जोरदार दे जाते है।
 #ख्वाइश
बहुत ख्वाइशे दबी रह जाती है
बहुत गुज़ारिश ठुकरा दी जाती है।
दिल में चोर है सभी के
जो निगाहे बयां कर जाती है।
कहते हम बहुत कुछ है
करते वक्त कदम खींच जाते है।
जो छू ले ऊंचाई को 
तो दूर के रिश्ते निकल आते है।
जो औंधे मुंह गिरे तो 
अपने भी पराए हो जाते है।
जब जरूरत पड़े कंधे की
तो तमाचा जोरदार दे जाते है।
 #ख्वाइश