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याद आतें हैं बहुत बचपन के वो दिन स्कूल से आते ही

याद आतें हैं बहुत बचपन के वो दिन 
स्कूल से आते ही जब बस्ता फेंक दीवारों से चिपक जाते थे
फिर उस मिट्टी के दीवारों से AC सी ठंडक मिलती थी।
पढ़ना बंद कर अब सोना चाहिए ये लालटेन से ही पता चल जाता था,
जब लालटेन पूरी तरह से काले पड़ जाते थे।
सुबह उठने पर सीसे के  भीतर वाली नाक के भीतर में भी वो लालटेन का कालापन दिखाई देता है।
सचमुच, याद आते हैं बहुत बचपन के वो दिन।

©Shubham Kumar Dubey
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