🙏🏻😔💔🙏🏻"ऐ जिंदगी"🙏🏻💔😔🙏🏻
ऐ जिन्दगी यूँ मेरे सब्र का तू इम्तिहान ना ले;
रह-रहकर इस कदर अब मेरी तू जान ना ले;
गर किसी भ्रम में हीं खुश हूँ तो रहने दे मुझे,
बेवजह बेवक्त मेरे होठों की तू मुस्कान ना ले;
सहते आई अबतक जो भी सितम किया तूने,
खुद को हीं ना खो दूं मैं मेरी तू पहचान ना ले;