Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रिय, आज प्रेमपत्र लिखना है तुम्हें। लिखना

प्रिय,
      आज प्रेमपत्र लिखना है तुम्हें। लिखना है.. तुमसे कितनी मोहब्बत है मुझे। लिखना है कितना याद करती हूं मैं तुम्हें। अपने इज़हार ए इश्क़ के साथ अपनी विरह वेदना भी लिखनी है मुझे आज। कुछ बातें जो अनकही रह गयी थी, कुछ रातें जो अनछुई रह गयी थी, आज सभी का हिसाब लिखना है।
         तुम्हें याद है तुम्हारी मुलाकात किसी फिल्म के Scene से कम नहीं थी। वो हमारा टकराना, नजरों का झुकना, लबों का मुस्काना, आज भी किसी फिल्म की story लगती है। तुम्हें याद है जब भी हम मिलते थे, उस नुक्कड़ पर चाय पीते थे। घंटो बीत जाते थे, हमें बात करते-करते। फिर वो पैदल ही चलते चलते तुम मुझे मेरी गली के उस मोड़ तक छोड़ आते थे। जानते हो उस मोड़ पर मैं आज भी तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूं।
          जानती हूं, तुम्हें ज़िंदगी के ज़ख्मों ने मुझसे दूर किया है। हो सकता है, तुम कभी लौटकर ना आओ। हो सकता है, तुम मुझे भूल भी जाओ। मगर मैं, चाहकर भी तुम्हें भुला नहीं पाती। कितनी रातों से सोई भी नहीं हूं। के हर आहट पे लगता है, शायद तुम हो। जिंदगी किसी एक के लिये, एक जगह रुकती नहीं। मगर मैं तो एक अरसे से एक लम्हें में कैद हूं। ना उससे बाहर निकल पाती हूँ। ना उसे फिर से जी पाती हूं।
            जिंदगी का सफ़र बहोत लंबा है जानती हूं मैं। मगर मुझे इस रास्ते पर अब अकेले चलने की आदत पड़ चुकी है। अब फ़र्क नहीं पड़ता कि कोई हमसफ़र नहीं, कोई हमकदम नहीं। मगर हाँ, तुम्हारी कमी हमेशा खलती रहती है। शायद तुम साथ निभाते तो मुझे इस अकेलेपन से यूँ मोहब्बत ना होती।
             चलो, सबके के ज़िंदगी के अपने फ़लसफ़े होते हैं। तुम्हारे भी थे। कोई बात नहीं। जहाँ हो, खुश रहना। मैं भी ख़ुश ही हूं। बस कभी कभी आँखें नम हो जाती है। औऱ कभी कबार ही सही मगर तुम्हारी याद भी आती हैं। 
           और हाँ मेरा इंतज़ार मेरा इश्क़ बयाँ करता है। और मेरी तन्हाई मेरी यातना बताती है। फिर भी तुम मुझे अब भी हल्के में मत लेना। क्यों कि कल भी मैं मैं थी और आज भी मैं मैं हूं। किसी क़ीमत पे ना झुकूंगी, ना टुटूंगी, ना बिखरुंगी। मैं बेलौस हूं, बेखौफ हूं और रहूंगी।

                                                                                                                    - तुम्हारी

©#Shilpa_ek_Shaayaraa एक कोशिश प्रेमपत्र लिखने की।  सच से ज्यादा कल्पना सुंदर होती है। मोहब्बत हो दर्द उसमें भी कलम ख़ूबसुरती भर देती है। शायद और कुछ कहने की जरूरत ही नहीं।
#प्रेमपत्र #WrittingMoods #Broken_but_Beautiful #strugling_life #Ramta_Jogi_Special #Shilpa_ek_Shayaraaa #ShilpaSalve358 
#Texture
प्रिय,
      आज प्रेमपत्र लिखना है तुम्हें। लिखना है.. तुमसे कितनी मोहब्बत है मुझे। लिखना है कितना याद करती हूं मैं तुम्हें। अपने इज़हार ए इश्क़ के साथ अपनी विरह वेदना भी लिखनी है मुझे आज। कुछ बातें जो अनकही रह गयी थी, कुछ रातें जो अनछुई रह गयी थी, आज सभी का हिसाब लिखना है।
         तुम्हें याद है तुम्हारी मुलाकात किसी फिल्म के Scene से कम नहीं थी। वो हमारा टकराना, नजरों का झुकना, लबों का मुस्काना, आज भी किसी फिल्म की story लगती है। तुम्हें याद है जब भी हम मिलते थे, उस नुक्कड़ पर चाय पीते थे। घंटो बीत जाते थे, हमें बात करते-करते। फिर वो पैदल ही चलते चलते तुम मुझे मेरी गली के उस मोड़ तक छोड़ आते थे। जानते हो उस मोड़ पर मैं आज भी तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूं।
          जानती हूं, तुम्हें ज़िंदगी के ज़ख्मों ने मुझसे दूर किया है। हो सकता है, तुम कभी लौटकर ना आओ। हो सकता है, तुम मुझे भूल भी जाओ। मगर मैं, चाहकर भी तुम्हें भुला नहीं पाती। कितनी रातों से सोई भी नहीं हूं। के हर आहट पे लगता है, शायद तुम हो। जिंदगी किसी एक के लिये, एक जगह रुकती नहीं। मगर मैं तो एक अरसे से एक लम्हें में कैद हूं। ना उससे बाहर निकल पाती हूँ। ना उसे फिर से जी पाती हूं।
            जिंदगी का सफ़र बहोत लंबा है जानती हूं मैं। मगर मुझे इस रास्ते पर अब अकेले चलने की आदत पड़ चुकी है। अब फ़र्क नहीं पड़ता कि कोई हमसफ़र नहीं, कोई हमकदम नहीं। मगर हाँ, तुम्हारी कमी हमेशा खलती रहती है। शायद तुम साथ निभाते तो मुझे इस अकेलेपन से यूँ मोहब्बत ना होती।
             चलो, सबके के ज़िंदगी के अपने फ़लसफ़े होते हैं। तुम्हारे भी थे। कोई बात नहीं। जहाँ हो, खुश रहना। मैं भी ख़ुश ही हूं। बस कभी कभी आँखें नम हो जाती है। औऱ कभी कबार ही सही मगर तुम्हारी याद भी आती हैं। 
           और हाँ मेरा इंतज़ार मेरा इश्क़ बयाँ करता है। और मेरी तन्हाई मेरी यातना बताती है। फिर भी तुम मुझे अब भी हल्के में मत लेना। क्यों कि कल भी मैं मैं थी और आज भी मैं मैं हूं। किसी क़ीमत पे ना झुकूंगी, ना टुटूंगी, ना बिखरुंगी। मैं बेलौस हूं, बेखौफ हूं और रहूंगी।

                                                                                                                    - तुम्हारी

©#Shilpa_ek_Shaayaraa एक कोशिश प्रेमपत्र लिखने की।  सच से ज्यादा कल्पना सुंदर होती है। मोहब्बत हो दर्द उसमें भी कलम ख़ूबसुरती भर देती है। शायद और कुछ कहने की जरूरत ही नहीं।
#प्रेमपत्र #WrittingMoods #Broken_but_Beautiful #strugling_life #Ramta_Jogi_Special #Shilpa_ek_Shayaraaa #ShilpaSalve358 
#Texture