"आसमान से ऊँचा भला और क्या होगा? " मन ने ये प्रश्न दिमाग से पुछा, बोल पड़े झटसे महाशय भी: सोचो गौरसे; तो देखोगे तुम- अहंकार होता है आसमान से भी ऊँचा लगता है उसे बस वो ही है "पहला", बाकी सभी उससे "छोटा और दूजा", हँसपड़ा मन भी ये जवाब सुनकर बोलदिया बेझिझक उसने भी दिमाग को- अहंकार को मानने दो खुदको ऊँचा, जब गिरेगा वो मुँह के बल नीचे और जब "मौत" गले लगाएगा उसे तब पता चलेगा मगरूरको- वो नहीं है संसार समूचा, "मौत" है आखिर उससे भी ऊँचा!! #आसमानसेऊँचा kaun hai bhala!! #yqbaba #yqdidi #kavita