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दिवाली का है पर्व आया घर घर है खुशियाँ छाया दुकान

दिवाली का है पर्व आया
घर घर है खुशियाँ  छाया
दुकानों पर मिठाई ही मिठाई है 
जिसकी सुगंध बच्चो को 
अपने तक खीच कर लाई है
कहीं लगे हैं पटाखों के ठेले
तो कहीं लगे हैं दियों के मेले
कईयों ने लिए हैं हाँथो में नये कपड़ों के थैले
तो कई लोग हैं इस आस में बैठे
की कोई कुछ तो ले ले
मेहनत सब का एक है
इनका भी तो सामान नेक है
इन छोटे दुकानों से कुछ तो लिया करो
अपने साथ इनको भी तो दिवाली पर्व मनाने में
थोड़ी सी मदद् किया करो
दिवाली का है पर्व आया
घर घर है खुशियाँ छाया
घर आँगन में कहीं लगे हैं रंगीन बल्ब तो 
कहीं सज गई है दियों से चौखट
कहीं जल रही हैं फुलझड़िया तो 
कहीं पटाखे फोड़े जा रहे हैं
देखो दिवाली का पर्व है आया
घर घर है खुशियाँ छाया।

©@N.E.CREATION
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