आज का दिन फिर गुजर गया उन सब के बिन जो कभी हमारी जान हुआ करते थे आज का दिन फिर गुजर गया उन सब के बिन मेरे बिन तेरा क्या होगा कहा करते थे आज का दिन फिर गुजर गया उन सब के बिन जो कभी तबियत मेरी खराब हो और अस्पताल में खुद रहा करते थे आज का दिन फिर गुजर गया उन सब के बिन जो पैसे होते हुए भी मुझसे बिल दिलवाया करते थे और ऊपर से मुझे ही कंजूस कहा करते थे आज का दिन फिर गुजर गया उन सब के बिन जो मेरे मरने पे मुजरा करवाने की बात किया करते थे Rupali sharma Ritika suryavanshi