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जब कातिल ने पकड़ा होगा,सुध बुध सब खोई होगी । हथियार

जब कातिल ने पकड़ा होगा,सुध बुध सब खोई होगी ।
हथियारों के हमलो मॆ, चीख-चीख कर रोई होगी ॥

 सोच रही होगी क्यों मै बाहर आयी गलियों मॆ ।
खेली होती बहनों संग मै  घर कि रंगरलियो मॆ ॥

असहाय पुकारो मॆ पापा भइया को याद किया होगा ।
माँ बहना के ना मिलने से कृष्ण खिवैया को याद किया होगा

पर कोई सहारा मिला नहीं बेचारी उस दुखिया को ।
फिर घातक ने नोंचा होगा उस बेचारी के अंखिया को ॥

 इधर उधर फेंक फेंक कर शवता पर प्रहार किया ।
छोटी सी गुड़िया ट्विंकल को निर्ममता से मार दिया ॥
Pradyumn Namdeo
जब कातिल ने पकड़ा होगा,सुध बुध सब खोई होगी ।
हथियारों के हमलो मॆ, चीख-चीख कर रोई होगी ॥

 सोच रही होगी क्यों मै बाहर आयी गलियों मॆ ।
खेली होती बहनों संग मै  घर कि रंगरलियो मॆ ॥

असहाय पुकारो मॆ पापा भइया को याद किया होगा ।
माँ बहना के ना मिलने से कृष्ण खिवैया को याद किया होगा

पर कोई सहारा मिला नहीं बेचारी उस दुखिया को ।
फिर घातक ने नोंचा होगा उस बेचारी के अंखिया को ॥

 इधर उधर फेंक फेंक कर शवता पर प्रहार किया ।
छोटी सी गुड़िया ट्विंकल को निर्ममता से मार दिया ॥
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