इक बेबाक बदनाम और बदनाम शायर 🖤 प्राकट्य दिवस -: 14 अगस्त Lives in -: रीवा.. 😍😎 ❤️ ☕☕☕ चाय... मेरा इश्क है... ❤️ "सुकूँ की तलाश में दर-ब -दर भटकता रहा फिर कुछ यूँ हुआ की चाय ने मुझे संभाल लिया ❤️❤️ . जिन्दगी ने बहुत सबक सिखाये दर्दो ने कई दफ़ा तोड़ा... फिर कुछ यूँ हुआ कि- कलम हमराह बन गयी...❤️ दर्द इश्क जिन्दगी पर लिखता हू... चाय के टॉपिक पर विशेषज्ञ हूँ.. ☺️❤️❤️ दोस्ती करना, बच्चो के साथ खेलना, बुज़ुर्गो के साथ गप्पें मारना☺️☺️ पसंदीदा शौख़ है..🥰 लिखना शौख़ नहीं आदत है... ☺️ इसलिए मेंशन नहीं किया बाक़ी कुछ खाश नहीं.... बस जिन्दगी के कारनामों के बीच हिलोरें लेती सांसे है..🤔😒 Instagram sayari page-: @gustakh_dil_
प्रद्युम्न नामदेव "गुस्ताख़"