विकास इंग्लिश में कहें तो Development जो दिखती है पर कभी समझ में नही आती, जो बिकती है लेकिन ख़रीदारी समझ मे नही आती, जो बढ़ती तो है पर बढ़ती नजर नही आती। हज़ारों फिरते है इसी develoment की आस में, पर development के नाम पे एक गुल्लक मिलती है। जिसकी चाबी तो है, लेकिन खुलती नही है। Development के नाम पर, पेड़ों से ज्यादा आज गाड़ियां दिखती है। हर चौराहे पे हुडनगियों की सेना दिखती है। सोच के बजाए हर गली मोहल्ले के poster में बिकती है। Solution के बजाय question raising में दिखती है। आज घरों के बजाय केवल ईमारतें दिखती है। सफलता सिर्फ BP डिप्रेशन में मिलती है। आज शादियाँ पैसा ख़र्च करके होती है। करप्शन की कमाई में लोगों की खूब आस होती है। माँ बाप से ज्यादा उस पराई लड़की की चलती है। आस्था एक गन के रूप में USE होती है। समाचार में भी रेप गुंडागर्दी की गप चार मिलती है। दिखती है पर समझ में नही आती, बिकती है पर औकात नजर नही आती, ये विकास की धारा बढती तो है, पर बढ़ती नजर नही आती। ©®roasted___life™ विकास की धारा