नेताओं की बात भी बड़ी निराली जनता को कठपुतली बना डाली जब आती चुनाव की बारी वोट मांगे हाथ फैलाके भारी बातें करते बड़ी - बड़ी शपथ भी लेते बड़ी - बड़ी हर कार्य में करते ये गड़बड़ी भ्रष्टाचार खुद फैलाते सदाचार का पाठ हमें पढ़ाते रिशवत खाते मोटी - मोटी जनता को मिलती सुखी रोटी पार्टी बनाते अलग - अलग दिखाते सब अपनी एक झलक प्रत्येक साल पांच साल में बदलती है सरकार प्रचार - प्रसार मे निकालते एक - दूसरे के ऊपर भड़ास - भरमार और सिखाते हमें एकता का पाठ खोलते एक - दूसरों के कार्यों की गाँठ आयकर के नाम पर लेते ये कट मनी और कहते है नहीं खाते हम जनता की मनी नेताओं के भाषण होते लंबे - चौड़े जिसमे वादे करते वे झूठे बड़े इसमें फँसती जनता ढेर नेताओं ने बना लिया राजनीति को एक खेल।।। अमृता साहू🖊🖊 ©Amrita sahu # नेताओं की बातें