पूछ कर उड़ान भरने वाले पंछी बादलों की ओट के नीचे उड़ा करते हैं, और शाम ढले पिंजरों में ठीक वैसे ही लौट आते हैं अपने मालिकों का इस्तकबाल करने जैसे कामकाजी औरतें लौटतीं हैं अपने घरों में, अपने मिज़ाजी खुदा की ख़िदमत में हाज़िर होने। दोनों ही भूल जाते हैं उन्हें पर प्रकृति से मिले हैं, उनके मालिकों ने सिलवा के दिए नहीं... #पिंजरा #घर #दहलीज #YQbaba #YQdidi