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- दोहे - "छठ माता" •••••••••••••••••••••••••••••••

- दोहे - "छठ माता"
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
1-
सूरज को  जो  अर्घ्य दे, और न खाए अन्न।
छठ मैया उस व्यक्ति से, होतीं बहुत प्रसन्न।।
2-
षष्ठी पूजन पर्व के, पावन नियम विधान।
जो इनको माने सदा, दमके सूर्य समान।।
3-
प्रचलित पौराणिक कथा, जिसका लें संज्ञान।
छठ माँ  ब्रह्मा की सुता, बहिन सूर्य की मान।।
4-
षष्ठी माँ को मानते, पुण्य प्रकृति का रूप।
जिनके भ्राता सूर्य से, मिलती हमको धूप।।
5-
षष्ठी  पूजन  से  बढ़े, घर-घर सुख समृद्धि।
और सूर्य को अर्घ्य से, हो प्रसिद्धि में वृद्धि।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #chhathpuja
- दोहे - "छठ माता"
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1-
सूरज को  जो  अर्घ्य दे, और न खाए अन्न।
छठ मैया उस व्यक्ति से, होतीं बहुत प्रसन्न।।
2-
षष्ठी पूजन पर्व के, पावन नियम विधान।
जो इनको माने सदा, दमके सूर्य समान।।
3-
प्रचलित पौराणिक कथा, जिसका लें संज्ञान।
छठ माँ  ब्रह्मा की सुता, बहिन सूर्य की मान।।
4-
षष्ठी माँ को मानते, पुण्य प्रकृति का रूप।
जिनके भ्राता सूर्य से, मिलती हमको धूप।।
5-
षष्ठी  पूजन  से  बढ़े, घर-घर सुख समृद्धि।
और सूर्य को अर्घ्य से, हो प्रसिद्धि में वृद्धि।।
#हरिओम_श्रीवास्तव#

©Hariom Shrivastava #chhathpuja