जी चाहता है, रो लू मैं जी भर के एक दिन। रोज़ रोज़ के बिखरने से, बिखर जाऊ एक दिन। उठू कुछ इस तरह, कि ना हा कोई मलाल दिल में। निखरू कुछ इस तरह, की ना हो कोई गिला खुद से। जी चाहता है।