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यदि मन में बैर ओर दिमाग में नफरतों का बाजार है। त

यदि मन में बैर ओर दिमाग में नफरतों का बाजार है।
 तो फिर मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा ,
चर्च में की इबादत  सब बेकार है

©कवि अर्जून सिंह बंजारा कवि अर्जुन सिंह बंजारा
यदि मन में बैर ओर दिमाग में नफरतों का बाजार है।
 तो फिर मन्दिर, मस्जिद,गुरुद्वारा ,
चर्च में की इबादत  सब बेकार है

©कवि अर्जून सिंह बंजारा कवि अर्जुन सिंह बंजारा