आरजू थी इश्क पलकों में कैद हो उम्रभर. कभी हर्ष के

आरजू थी
इश्क पलकों में कैद हो उम्रभर.
कभी हर्ष के अतिरेक ने
कभी घायल दिल के आक्रंद में
बहता रहा पलकों से,वो पल पल.
शाश्वत खुश्बू फिर भी रूह के केंद्र में 
स्थिर रही.
न डिगी कभी उनकी
इश्क अवधारना ताउम्र.

©Manisha Keshav
  #Chhavi #eshq #Love
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