जब कभी भी मन उदास होता है, तन्हा होने का अहसास होता है, क्यों ख़ुशी पल में यू रूठ जाती है, ऐसा क्यों अक्सर मेरे साथ होता है, मत गिनाना ऐब किसी के भी यंहा, आइना हर किसी के पास होता है, तुम छुपा लो गुनाह चाहे कितने भी, वँहा एकदिन सबका हिसाब होता है, कैसे जाने “मन” कि कौन अपना है, यंहा हर इक चेहरे पे नकाब होता है,