खुद को अलग समझ कर जल रहा है हवाओं से अकेले-अकेले भीड़ रहा है कभी ये हावी हवाओं पर तो कभी हवा इस पर पर ये अन्दरूनी शक्तियों कि बदौलत लड़ रहा है #चिराग