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हम कांटों में ही रहेंगे ... क्योंकि कांटों में ही

हम कांटों में ही रहेंगे ... 
क्योंकि कांटों में ही फूल खिलते है, 

मरुस्थल के
रेत में तो तासीर उदासीन मिलेगी | हम कांटों में ही रहेंगे ... 
क्योंकि कांटों में ही फूल खिलते है, 

मरुस्थल के
रेत में तो तासीर उदासीन मिलेगी |
हम कांटों में ही रहेंगे ... 
क्योंकि कांटों में ही फूल खिलते है, 

मरुस्थल के
रेत में तो तासीर उदासीन मिलेगी | हम कांटों में ही रहेंगे ... 
क्योंकि कांटों में ही फूल खिलते है, 

मरुस्थल के
रेत में तो तासीर उदासीन मिलेगी |

हम कांटों में ही रहेंगे ... क्योंकि कांटों में ही फूल खिलते है, मरुस्थल के रेत में तो तासीर उदासीन मिलेगी |