ज़िन्दगी ऐसी है कि ज़िन्दगी ही नही, मोहब्बत ऐसी कि मोहब्बत ही नही, हम रोज करते है उन्हें अपना बनाने की दुआ, दुआ कबूल है की कबूल ही नही... -अजय चौरसिया #हि नहीं