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काश !! होता कोई ऐसा, जो छूता - मेरे अन्तस् को, जिस

काश !! होता कोई ऐसा, जो छूता - मेरे अन्तस् को,
जिसे होती न तन की प्यास, महकाता - मेरे मन को ..।।

न चाहत नीले अम्बर की, न चाहत चाँद-सितारों की,
लिए हाथों में हाथ मेरा, पढ़ लेता - मेरे मन को..।।

सुनाता मीठी सी लोरी, उंगलियाँ - लटों को सुलझातीं,
सजाकर ख़्वाब पलकों पर, बनाता - स्वप्न महलों को..।।

न होती चुभती सी बातें, न होती - मौन की दहशत,
होता कोई ऐसा अपना वो, जो सुलझाता - मेरे मन को..।।

काश!! होता कोई ऐसा, जो पढ़ता - सिर्फ मेरा मन,
बहकता तितलियों के सँग, साथ लेकर ज़िन्दगी को..।।

दूर पत्थर के शहरों से, बनाता - टहनियों से घर,
रेत फिर पाँव में ढलती, वो बहलाता - समन्दर को..।।

काश !! होता कोई ऐसा, जो रहता - साँसों सा मुझमें,
धड़कता दिल की धड़कन बन, सिखाता - प्रेम वो मुझको..।।।

©Neel
  सिखाता प्रेम जो मुझको 💕
archanasingh1688

Neel

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सिखाता प्रेम जो मुझको 💕 #शायरी

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