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रूह से रूह तक का नाता है तेरा– मेरा यूं ही नहीं बढ

रूह से रूह तक का नाता है तेरा– मेरा
यूं ही नहीं बढ़ती हैं ये धडकनें आहट से तेरी ।।

कई मौसम बीते है साथ हमारे पर ये बरसात यादगार है
भीगी पलकें ,भीगा मौसम और गुज़री हुई बाते तेरी ।।

©manju Ahirwar
  #sad_shayari 
#गुजरी/बातें
#barsat
#यादें