उल्फत ना निकलेगी देश के लिए दिल से मर के भी मिट्टी से, खुशबू महकेगी फ़िज़ाओं में सरफ़रोशी की तमन्ना लिए, देश के लिए कुर्बान हैं ये देश के वीर सैनिक हैं जो महकते हैं हवाओं में ©M.R कारगिल दिवस शायरी