Unsplash एक जलते बुझते दीये क़ी तरह होता हैँ सुख दुख आदमी के हर परिवार का ये वैसे ही हैँ जैसे तेल और बाती जरुरी होती हैँ दीये क़ी जिंदगी के लिए ©Parasram Arora सूझ दुख